प्रेरक कहानी - Good Thoughts In Hindi - हिंदी कहानी - स्टोरी - Hindi Kahani
प्रेरक कहानी - Good Thoughts In Hindi - हिंदी कहानी - स्टोरी - Hindi Kahani
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लगभग ६ महीने पहले की घटना है...एक दोस्त की पत्नी की अचानक ही मृत्यु हुई. उसने अपनी
पत्नी की अलमारी खोली और अलमारी से सुनहरे कलर के पेपर से लपेटा हुवा पैकेट निकाला...!
उस पैकेट को एक टक देखे जा रहा था. तभी उसके एक रिश्तेदार ने उसे टोका...
बेटा क्या है इस पैकेट में...? उसने पैकेट खोला और उसमें रखी बेहद ही सुंदर
सिल्क की साड़ी और उसके साथ की मेचिंग करती ज्वेलरी को एकटक देखने लगा.
ये हमने लिया था ६ -७ साल पहले, जब हम सिंगापूर गए थे, लेकिन उसने ये कभी पहनी नहीं,
क्योंकि... वह साडी और ज्वेलरी को किसी खास अवसर पर पहनना चाहती थी और इसलिए
इसे बचा कर रखा था.
उसने उस साड़ी और ज्वेलरी को भी दूसरे और कपड़ों के साथ अपनी पत्नी की अर्थी के पास
रख दिया.
रोते रोते मेरी और देखा और कहा... किसी भी खास अवसर के लिए कभी भी कुछ भी मत
बचा के रखना,
जिंदगी का हर एक दिन खास अवसर होता है...! कल का कुछ भरोसा नहीं है...!
अंतिम संस्कार के बाद मै अपने घर आया... मित्र की बात दिल को लग गयी की...
कल का कुछ भरोसा नहीं है...! उस घटना ने मेरा जीवन ही बदल दीया...!
मित्रो, अब मैं किसी भी बात की ज्यादा चिंता नहीं करता... अपने परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा
समय बिताता हूँ, और अपने काम का ज्यादा टेंशन नहीं लेता. अब मुझे अच्छी तरह से समझ में
आ चुका है कि... जिंदगी उत्साह से जीने का नाम है...! डर - डर कर... रुक - रुक कर...
या बहुत ज्यादा सोच सोच कर... चलने में वक़्त आगे निकल जाता है और हम पीछे रह जाते हैं.
मैं अपनी कोई भी चीज़ को अब ज्यादा संभाल-संभाल के नहीं रखता... हर एक चीज़ का बेफिक्री
से और मन भरके उपयोग करता हूँ...!
घर के शोकेस में रखी महँगी चीनी मट्टी के बर्तन भी का हर दिन उपयोग करता हूँ...!
अगर मुझे पास के मार्केट में या नज़दीकी सिनेमा हॉल में फिल्म देखने नए कपड़े पहन कर
जाने का मन है, तो... मैं जाता हूँ. अपने कीमती खास कपड़ो को.... परफ्यूम को कोई विशेष
अवसर के लिए संभाल कर बचा के नहीं रखता...! मैं उन्हें जब मन में आए तब उपयोग
कर लेता हूँ.
एक दिन... किसी दिन... कोई ख़ास मौके पर... जैसे शब्द अब मेरे जीवन की डिक्शनरी से
गुम होते जा रहे हैं...! अगर कुछ देखने... सुनने... या करने लायक है, तो...
मै उसे अभी देख लेता हु... सुन लेता हूँ... या फिर कर लेता हूँ.
मुझे नहीं पता की... अगर उसे पहलेसे ही पता होता कि वह कल का सुरज नहीं देख पाएगी.
तो मेरे दोस्त की पत्नी क्या करती.
शायद वह अपने खास रिश्तेदारों और खास दोस्तों को बुलाती...!
शायद वह अपने पुराने नाराझ हुए दोस्तों से शांति और दोस्ती की ढेर सारी बातें करती...!
कोई अनजाने में हुई गलती का उसे अगर एहसास हो जाता तो माफ़ी मांग लेती...!
अगर मुझे पता चले जाए की मेरा समय पूरा हो गया है... जल्दी ही इस लोक से परलोक जाना है
तो... क्या मैं, इन इतनी छोटी-छोटी चीजों को भी नहीं कर पाने के लिए पछतावा करूँगा...!
नहीं, इन सब इच्छाओं को तो आज ही आराम से पूरा कर सकता हूँ. हर एक दिन...
हर एक घंटा... हर एक मिनट... हर पल खास है... बहुत खास है.
सीख :-
प्यारे दोस्तो, इस अनमोल जीवन का आनंद का लीजिए. आज में जीवन जिए. क्या पता कल
हो न हो. वैसे भी कहते हैं ना... कल तो कभी आता ही नहीं.
अगर आप आज बहुत व्यस्त हैं... और इसे किसी "अपने " को बाद में या किसी और
दिन बताएंगे
तो याद रखिए, कोई और दिन बहुत दूर है और शायद कभी आए भी नहीं.
इसलिये जीवन के हर पल को जिएं... जी भर के जिए.
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