Hindi Positive Story – Good Thoughts – Suvichar

Hindi Positive Story – Good Thoughts –  Suvichar 
सकारात्मक कहानी

Hindi Positive Story – Good Thoughts –  Suvichar – सकारात्मक कहानी - vb thoughts
Hindi-Positive-Story- Good Thoughts-Suvichar- सकारात्मक कहानी

जंगल में एक गर्भवती हिरनी को प्रसव पीडा शुरु होती है, हिरनी अपने बच्चो को 

जन्म देने के लिए सुरक्षित जगह पहुचने के लिए चलते रहती है...


तभी आसमान में बादल जमने लगते है.... जोरो से बिजली कड़कती है... 
और लगता है कीजोरदार बारिश होगी. सामने सूखे घास का  बड़ा सा भाग देख कर 
हिरनी रुक जाती है...

हिरनी अपनी दाहिनी तरफ देखती है तो, एक शिकारी उसकी ओर तीर का निशाना 
साध रहा था, घबराकर वह बाएँ ओर मुड़ी तो उधर एक शेर उसे खाने के लिए तैयार था. 
जिस घनी सुखी हुई घास को देखकर वो वहां रुकी थी, वो भी बिजली गिरने से आग पकड़ 
चुकी थी. पीछे देखा तो गहरी नदी बह रही थी, जिसमे बहुत पानी था.

मादा हिरनी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, उसकी प्रसव पीड़ा बढ़ रही थी.
वह सोचने लगी...  अब मेरा क्या होगा...क्या मै जीवित बचुंगी...
क्या मै अपने बच्चो को जन्म दे पाऊँगी...
क्या मेरे बच्चे जीवित रहेंगे...?
क्या ये जंगल की आग सब कुछ जला देगी...
क्या मै शिकारी के तीर से बच पाउंगी...
या इस शेर का भोजन बनूँगी...?

 मै एक तरफ आग से घिरी हूँ, और मेरे पीछे नदी है...!  क्या करू मै...?
कुछ देर इन सवालो से परेशान रहती है, लेकिन वो कुछ भी नहीं कर सकती 
इसीलिएहिरनी अपने आप को शून्य में छोड देती है. 
और अपने बच्चों को जन्म देने लग जाती है.

 Good Thoughts - मुस्कुराइए - ख़ुश रहिए - Be Happy - Images Suvichar 

तभी निसर्ग अपना चमत्कार दिखाता है... जोर की कड़कड़ाहट के साथ बिजली चमकती है
और तीर छोडते हुएशिकारी की आँखे चौंधिया जाती है, जिससें उसका तीर हिरनी को ना 
लगकर उसके पास से गुजरकरशेर की आँख में लग जाता है. शेर दहाडता हुआ इधर उधर 
भागने लगता है, और शिकारीशेर को घायल ज़ानकर भाग जाता है. घनघोर बारिश भी 
शुरू हो जाती है, और जंगल की आग बुझ जाती है. हिरनी भी अपने बच्चों को जन्म देती है.

 Hindi Positive Story – Good Thoughts –  Suvichar – सकारात्मक कहानी


मित्रो...
हमारे जीवन में भी कभी कभी कुछ पल ऐसे ही आते है... जब हम चारो ओर से मुश्किलों से 
घिरे होते हैं. और किसी भी तरह से निर्णय नहीं ले पाते. हमें कोई भी रास्ता नहीं दिखाई 
नहीं देता... तब सब कुछ निसर्ग के हाथों में सौंपकर अपने उत्तरदायित्व व प्राथमिकता 
पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए. अंत में सफलता... असफलता... हारना... जीतना... 
जीवन... मृत्यु... का अंतिम निर्णय निसर्ग करता है.           
हमें उस पर विश्वास करके उसके निर्णय
का सम्मान करना चाहिए.

कुछ लोग हमारी सराहना करेंगे...
तो कुछ लोग हमारी आलोचना करेंगे...
 दोनों ही मामलों में हम ही फायदे में हैं.

एक हमें प्रेरित करेगा और दूसरा
हमारे भीतर सुधार लाएगा.

अच्छा सोचें...! Be Positive...!


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